Michael gorman’s eight central values of librarianship

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Michael gorman के लाइब्रेरियनशिप के आठ केंद्रीय मूल्य (Michael gorman’s eight central values of librarianship)

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प्रश्न – पुस्तकालय अध्यक्ष के 8 केंद्रीय मूल्यों की पहचान किसने की?

Michael gorman

प्रश्न – Michael gorman का जन्म कब हुआ था?

6 March 1941

प्रश्न – Michael gorman को दिए गए Awards की सूची बनाओ?

  • Margaret Mann Citation (1979)
  • Melvil Dewey Medal (1992)
  • Blackwell’s Scholarship Award (1997)
  • California Library Association/Access, Collections, Technical Services Section Award of Achievement (1999)
  • Highsmith Award (2001)
  • Honorary Doctorate, Thames Valley University (2008)
  • Haycock Award(2010)
  • California Library Association/California Library Hall of Fame (2012)

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लाइब्रेरियनशिप के आठ केंद्रीय मूल्य(The eight central values of librarianship)

  1. नेतृत्व(Stewardship) – गोरमन का तर्क है कि भावी पीढ़ियों के लिए मानव रिकॉर्ड को संरक्षित करने में लाइब्रेरियन की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरियन भविष्य के सूचना पेशेवरों के लिए अपने सर्वोत्तम मूल्यों पर पास होना चाहिए।
  2. सेवा (Service) – गोरमन के अनुसार, सेवा की नीति को पुस्तकालय में लागू करना चाहिए और व्यक्तियों, समुदायों और समाजों की सेवा करने के लिए लाइब्रेरियन के कर्तव्य पर जोर देते हैं तथा वह तर्क देते हैं कि लाइब्रेरियन को भौतिकवादी युग में आदर्शवादी रूप से कार्य करने की आवश्यकता है।
  3. बौद्धिक स्वतंत्रता (Intellectual Freedom) – गोरमन के अनुसार,विचार की स्वतंत्रता अभिव्यक्ति की रक्षा के लिए खड़े रहना चाहिए चाहे वह विचार लाइब्रेरियन की अपनी व्यक्तिगत आस्था के के विपरीत भी क्यों ना हो।
  4. गोपनीयता (Privacy) – दूसरों की जानकारी या हस्तक्षेप के बिना, जो कुछ भी एक व्यक्ति की इच्छाओं को एक्सेस करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। गोरमन का कहना है कि गोपनीयता पुस्तकालयों और उनके संरक्षकों के बीच एक “विश्वास का बंधन” है।
  5. तर्कवाद (Rationalism) – गोरमन का तर्क है कि पुस्तकालय “ज्ञान और बुद्धिवाद के बच्चे” हैं और पुस्तकालयाध्यक्षता “सर्वोच्च तर्कसंगत पेशा” है। इस सिद्धांत को पुस्तकालय प्रक्रियाओं को समझना चाहिए।
  6. साक्षरता और सीखने के प्रति प्रतिबद्धता (Commitment to literacy and learning) – पढ़ना साक्षरता और आजीवन सीखने के लिए केंद्रीय महत्व है।
  7. पहुंच की समानता (Equity of access) – गोरमन का तर्क है कि ‘डिजिटल डिवाइड’ सामाजिक असमानता की एक अभिव्यक्ति है और सभी पुस्तकालय सेवाओं, विशेष रूप से संदर्भ सेवाओं में, खाई को भरने और पहुँच  को आसान बनाने में एक भूमिका है।
  8. लोकतंत्र(Democracy) – गोरमन पुस्तकालयों को “सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्थाओं” के रूप में वर्णित करता है। पुस्तकालय लोकतंत्र को बनाए रखने में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है।

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