Canon in Hindi (Library Classification)

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स्थायित्व का उपसूत्र(Canon of Permanence) – इस प्रकार के उपसूत्र में ज्ञान वर्गीकरण के लिए जिस विशेषताओं का प्रयोग किया जाता है उसको तब तक निरंतर प्रयोग में लाते रहेंगे तक क्लासिफिकेशन के उद्देश्यों में परिवर्तन न हो जाए, जैसे चूहे को उसकी प्रजाति के द्वारा वर्गीकृत करेंगे बल्कि रंग के आधार पर नहीं।

संबंध अनुक्रम का उपसूत्र(Canon of Relavent Sequence) – इस प्रकार के उप सूत्र में ज्ञान जगत का वर्गीकरण पद्धति में विद्यमान विशेषताओं की क्रमबद्धता, वर्गीकरण के उद्देश्यों के अनुरूप होनी चाहिए।

अनुरूपता अनुक्रम का उपसूत्र (Canon of Consistant Sequence) – इस प्रकार के उप सूत्र में विशेषताओं की संयुक्त रूप रेखा में विशेषताओं की अनुक्रमण को तब तक क्रमबद्धता या अनुक्रम का प्रयोग किया जाना चाहिए जब तक वर्गीकरण के उद्देश्य में परिवर्तन ना हो जाए।

विस्तार ह्रास का उपसूत्र(Canon of Decreasing Extension) – इस उपसूत्र में श्रृंखला को नीचे की ओर बढ़ना चाहिए। प्रथम कड़ी से अंतिम कड़ी की ओर जाने वाली वर्गों की गहनता और विस्तार में ह्रास होना चाहिए। इसमें प्रथम कड़ी में गहनता(Intensity) कम होती है और उसके बाद गहनता बढ़ती जाती है और अंतिम कड़ी में गहनता अधिक होती है।

अनुकूलन का उपसूत्र (Canon of Modulation) – इस उपसूत्र में पहली से अंतिम कड़ी तक, उसके ऊपर वाली कड़ी का एक वर्ग अवश्य होना चाहिए तथा दो श्रृंखला के मध्य कोई कड़ी छुटनी नहीं चाहिए।

संपूर्णता का उपसूत्र(Canon of Exhaustiveness) – ज्ञान जगत के सभी विषयों को वर्गीकरण पद्धति की अनुसूची में उपयुक्त स्थान पर समाविष्ट कर लिया जाना चाहिए अन्यथा अपूर्ण रह जाएगी।

मुख्यता का उपसूत्र(Canon of Exclusiveness) – इस उपसूत्र में एक पंक्ति को केवल विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत किया जाना चाहिए।

सहायक क्रम का उपसूत्र (Canon of Helpfulness Sequence) – इस उपसूत्र में एक पंक्ति के सभी वर्गों या एकलों के बीच सहायक क्रम निर्धारण किया जाना चाहिए और प्रत्येक सम्मिलित पंक्ति में इसी क्रम को अपनाया जाना चाहिए।

समरूप अनुक्रम का उपसूत्र (Canon of Consistent Sequence) – इस उपसूत्र में एक जैसी वर्ग पंक्ति का प्रयोग अनुसूची की अलग-अलग पंक्तियों में हो तो सभी स्थानों पर एक जगह रखना चाहिए।

अधीनस्थ वर्गों का उपसूत्र (Canon of Subordinate Class) – इस उपसूत्र में किसी विषयों या वर्गों का यदि कोई नया अधीनस्थ वर्ग उत्पन्न होता है तो उसे उसके अधीनस्थ वर्गों को उसमें शामिल कर लेते हैं।

समकक्ष वर्गों का उपसूत्र (Canon of Coordinate Class) – इस उपसूत्र में किसी वर्ग पंक्ति के वर्गों के अंतर्गत उसके समान वर्गों को स्थान मिलता है। इसमें किसी वर्ग पंक्ति के वर्गों के अंतर्गत अधिक समानता के वर्गों के बीच कम समानता के वर्गों को नहीं रखा जाता।

संदर्भ का उपसूत्र (Canon of Context) – उपसूत्र के अनुसार एक वर्गीकरण पद्धति में प्रत्येक शब्द के नाम या अर्थ का निर्धारण उसी प्रारंभिक कड़ी के विभिन्न वर्गों/एकलों के संदर्भ में उसी नाम के द्वारा किया जाना चाहिए जिसे विचाराधीन वर्ग/एकल के लिए प्रयोग किया गया है।

परिगणना का उपसूत्र (Canon of Enumeration) – इस उपसूत्र में किसी शब्द के अर्थ को समझने या उसको निर्धारण करने के लिए उस श्रेणीबद्ध एकल या वर्ग(जिन श्रेणीबद्ध  एकलों/उपवर्ग का परिगणन किया गया है।) उनकी अच्छी तरह व्याख्या करनी चाहिए तथा उनके आधार पर उस शब्द का प्रयोग करना चाहिए अर्थात् वर्गीकरण पद्धतियों में प्रत्येक पदों की व्यवस्था वर्गों से परिगणन द्वारा श्रेणियों और श्रृंखलाओं में निश्चित की जानी चाहिए।

प्रचलन का उपसूत्र (Canon of Currency) – एक क्लासिफिकेशन पद्धति में वर्गों एवं श्रेणीबद्ध एकलों को निर्दिष्ट करने वाले प्रत्येक शब्द को पद्धति से संबंधित विषयों को विशेषज्ञों में प्रचलित होनी चाहिए अर्थात् वर्गीकरण पद्धतियों में विषयों के लिए वही शब्द प्रयोग में लाया जाना चाहिए जो नवीन और प्रचलित हो।

संयतता का उपसूत्र (Canon of Reticence)  – इस उपसूत्र में एक वर्गीकरण पद्धति में वर्गों अथवा श्रेणीबद्ध एकलों को निर्दिष्ट करने वाले परिभाषिक पद आलोचनात्मक नहीं होने चाहिए।

परंपरागत  वर्ग(Canonical Class) –  मुख्य वर्ग के ऐसे उप विभाजन जिनका विभाजन परंपरागत विभाग के अनुसार किया गया हो।

विषय विधि(Subject Device) – एक मुख्य वर्ग के किसी पक्ष या वर्ग पंक्ति में किसी अन्य मुख्य वर्ग से उपयुक्त एकल संख्या तया अस्थाई संख्या बनाकर प्रयोग करने का प्रावधान है

वर्णानुक्रम विधि(Alphabetical Device) – इस विधि में प्रारंभिक वर्णों का प्रयोग वर्गांक को अधिक स्पष्ट एवं विस्तृत करने के लिए किया जाता है।

रिक्त अंक (Empty Digit) – एक वर्गीकरण प्रणाली की अंकन प्रणाली में रिक्त अंक एक ऐसा अंक होता है  जिसमें अर्थ तत्व मूल्य नहीं होता।

Pareto Chart – उत्पादन लाइन में प्रत्येक समस्या की तीव्रता की पहचान करता है

 

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